अयोध्या से आए महंत ने शुरू की पूजा, इस राम मंदिर में होती हैं हर साल 500 शादियां! रहस्यमयी कहानी जानकर चौंक जाएंगे

पलामू: रामनवमी का पर्व नजदीक है और पूरे देश में भगवान श्री राम की पूजा-अर्चना की तैयारियां जोरों पर हैं. इसी बीच झारखंड के पलामू जिले में एक ऐसा ऐतिहासिक मंदिर है, जहां हर साल सैकड़ों शादियां होती हैं. यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, बल्कि इसे एक अनोखी परंपरा के लिए भी जाना जाता है.

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के कोयल नदी के तट पर स्थित श्री राम जानकी भीखम दास ठाकुरबाड़ी मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है. इसकी स्थापना महंत भीखम दास ने की थी, लेकिन इससे पहले अयोध्या के हनुमान गढ़ी से आए संत राम शरण दास जी ने यहां एक झोपड़ी में भगवान राम की पूजा-अर्चना शुरू की थी. बाद में उनके शिष्यों ने इस मंदिर का निर्माण कराया, जो आज एक भव्य स्वरूप ले चुका है.

मंदिर में विराजमान हैं भगवान राम, माता जानकी और लक्ष्मण
मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री राम माता जानकी और लक्ष्मण जी के साथ विराजमान हैं. इसके अलावा मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ, हनुमान जी, राधा-कृष्ण के भी मंदिर हैं. यह स्थान भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है, जहां विशेष पर्वों और आयोजनों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं

शादियों के लिए प्रसिद्ध है यह मंदिर
यह मंदिर खासतौर पर अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है. यहां हर शादी सीजन में करीब 500 जोड़ियां विवाह के बंधन में बंधती हैं. झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से लोग यहां विवाह करने के लिए आते हैं. मंदिर के पुजारी बृजमोहन पांडेय के अनुसार, यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और यहां शादी करने वाले जोड़े सुखी वैवाहिक जीवन का अनुभव करते हैं.

मंदिर में मौजूद है 80 साल पुराना अखाड़ा
मंदिर परिसर में एक 80 साल पुराना अखाड़ा भी है, जो कुश्ती और शारीरिक व्यायाम के लिए प्रसिद्ध है. अखाड़े में दूर-दूर से पहलवान आते हैं और यहां विशेष कुश्ती मुकाबले भी आयोजित किए जाते हैं.

यह मंदिर करीब 100 साल पहले अयोध्या के ही रहने वाले भीखम दास जी द्वारा बनवाया गया था. खास बात यह है कि इस मंदिर के निर्माण में सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था. इसकी नक्काशी और स्थापत्य कला अद्भुत है. मंदिर परिसर 70 डिसमिल भूमि में फैला हुआ है और इसमें विवाह मंडप और माता अन्नपूर्णा का दरबार भी स्थित है.

रामनवमी पर निकलती है भव्य रथ यात्रा
मंदिर में सालभर विभिन्न धार्मिक आयोजन होते हैं, जिनमें रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, सावन और जगन्नाथ रथ यात्रा प्रमुख हैं. यहां 100 वर्षों से भी अधिक समय से जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती रही है. रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान श्रद्धालु अपने घरों में पकवान बनाकर लाते हैं और भगवान को भोग लगाते हैं.

श्रद्धा और परंपरा का अनोखा संगम
श्री राम जानकी भीखम दास ठाकुरबाड़ी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि यह श्रद्धा, आस्था और परंपरा का संगम है. यहां होने वाली शादियां, अखाड़े की परंपरा और भव्य धार्मिक आयोजन इसे झारखंड के सबसे अनोखे मंदिरों में से एक बनाते हैं. रामनवमी के मौके पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो इस मंदिर की महत्ता को और भी बढ़ा देती है

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